ज्योतिर्लिंग या ज्योतिर्लिंगम भगवान शिव का एक भक्तिपूर्ण प्रतीक है। 'ज्योति' शब्द का अर्थ है प्रकाश या चमक और 'लिंग' का अर्थ है चिन्ह या प्रतीक। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का दीप्तिमान प्रतीक है।
शिव महापुराण के अनुसार भारत और नेपाल में 64 मूल ज्योतिर्लिंग मंदिरों का उल्लेख है, जिनमें से 12 सबसे पवित्र मांगा गया हैं और उन्हें महा ज्योतिर्लिंगम (महा ज्योतिर्लिंग) कहा जाता है।
1. Somnath Jyotirlinga – Saurashtra, Gujarat
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक-तीर्थ कहते हैं।
2. Mallikarjuna Jyotirlinga – Srisailam, Andhra Pradesh
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है।
3. Mahakaleshwar Jyotirlinga – Ujjain, Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश स्थित के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन होने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है।
4. Omkareshwar Jyotirlinga – Shivpuri, Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में शिव का यह पावन धाम स्थित है। इंदौर शहर के पास जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ॐ का आकार बनता है।
5. Kedarnath Jyotirlinga – Kedarnath, Uttarakhand
केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
6. Bhimashankar Jyotirlinga – Pune, Maharashtra
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के पीछे जो कथा कथा शास्त्रों में आई है उसके अनुसार कुंभकरण के पिता का मान भीम था। कहते हैं कि कुंभकरण को कर्कटी नाम की एक महिला पर्वत पर मिली थी। उसे देखकर कुंभकरण उस पर मोहित हो गया और उससे विवाह कर लिया। विवाह के बाद कुंभकरण लंका लौट आया। लेकिन कर्कटी पर्वत पर ही रही। कुछ समय बाद कर्कटी को एक पुत्र हुआ जिसका नाम भीम रखा गया। कहते हैं कि जब श्रीराम ने कुंभकरण का वध कर दिया तो कर्कटी ने अपने पुत्र को देवताओं के चल से दूर रखने का फैसला किया। बड़े होने पर जब भीम को अपने पिता की मृत्यु का कारण पता चला तो उसने देवताओं से बदला लेने का निश्चय किया। भीम ने ब्रह्मा जी की तपस्या करके उनसे बहुत ताकतवर होने का वरदान प्राप्त कर लिया।
7. Kashi Vishwanath Jyotirlinga – Varanasi, Uttar Pradesh
बाबा विश्वनाथ का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी माने जाने वाली वाराणसी शहर में स्थित है।
12 ज्योतिर्लिंगों में से इस ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्त्व है। इस ज्योतिर्लिंग पर पंचामृत से अभिषेक होता रहता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान मरते हुए प्राणियों के कानों में तारक मंत्र बोलते हैं। जिससे पापी लोग भी भव सागर की बाधाओं से मुक्त हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि काशी नगरी का प्रलय काल में अंत नहीं होगा।
प्रलय काल के समय भगवान शिव जी काशी नगरी को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे। भगवान शिव जी को विश्वेश्वर और विश्वनाथ नाम से भी पुकारा जाता है। पुराणों के अनुसार इस नगरी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव जी के ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का विशेष महत्त्व है।
8. Trimbakeshwar Jyotirlinga – Nasik, Maharashtra
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है।
12 ज्योतिर्लिंगों में से आठवां ज्योतिर्लिंग त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यहीं ब्रह्मगिरि पर्वत से गोदावरी नदी बहती है। इस ज्योतिर्लिंग की कथा के बारे में हम विस्तार से जानेंगे। इस ज्योतिर्लिंग कथा से जुड़ी माँ गंगा के पृथ्वी पर पुनः आगमन की कथा भी है।
यह मंदिर नासिक के त्रयंबक नामक स्थान पर ब्रह्मगिरि पर्वत के पास स्थित है। मंदिर के अंदर तीन छोट -छोटे लिंग हैं, जिन्हे ब्रह्मा, विष्णु और महेश भगवन का प्रतीक माना जाता है। यही केवल ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहाँ तीनो ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ विराजते हैं।
9. Baidhyanath Jyotirlinga - Deoghar, Jharkhand
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड प्रांत के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में शिव के इस पावन धाम को चिताभूमि कहा गया है।
झारखंड के देवघर में स्थित है बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र वैद्यनाथ शिवलिंग। हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का अपना ही महत्व है। इन सभी ज्योतिर्लिंगों से भगवान की शिव की रोचक कथाएं जुड़ी हुई हैं। देवघर के वैद्यनाथ धाम में स्थापित 'कामना लिंग' भी रावण की भक्ति का प्रतीक है। इस ज्योतिर्लिंग का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां शक्तिपीठ भी है। यह ज्योतिर्लिंग सर्वाधिक महिमामंडित है। भगवान वैद्यनाथ की पूजा विशेषकर रोगमुक्ति और कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है।
10. Nageshwar Jyotirlinga – Darukavanam, Gujarat
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता बताया गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर। द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है।
11. Rameshwar Jyotirlinga – Rameshwaram, Tamil Nadu
भगवान शिव का यह ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में स्थित है। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए जाने के कारण इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।
12. Grishneshwar Jyotirlinga – Aurangabad, Maharashtra
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। इस स्थान को ‘शिवालय’ भी कहा जाता है।